""थोड़ी सी कविताएँ, एक ऐसा कविता संग्रह है जो आपको छोटी- छोटी कविता के माध्यम से बहुत हंसायेगा, हल्का सा गुदगुदाएगा, थोडी सी आंखे नम करेगा और कहीं- कहीं चिंतन करने को प्रेरित भी । समुंदर, बादल, आकाश, धूप, पंछी, आकाशगंगा, दो पेड़ जैसी कविताएँ प्रकृति को अलग और बारीक़ दृष्टिकोण से देखने का प्रयास है, और निश्चित ही पाठको को भी उसी दिशा की तरफ देखने के लिए उत्साहित करेगी। दोस्ती, गुल्लक, पिंपल, योगा मैट, बनता संवरता हुआ घर, जहां पाठकों को हंसायेगी और हल्का सा गुदगुदाएगी, वहीं ना बचा बसेरा, बांवरा मन, संयुक्त परिवार आदि कविताएँ पाठकों को जरूरी चिंतन करने को अवश्य प्रेरित करेगी। थोड़ी सी कविताएँ के सफ़र में आपका भव्य स्वागत है ।""
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