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""अदृश्य मैं"" २१ कविताओं का संग्रह है जिन्हे पढ़ कर आप इस रोमांचित सफर का हिस्सा बनने से रोक नहीं पाते हैं क्योंकि ये कवितायेँ जिंदगी के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालती हैं । कोई कविता बचपन की सैर कराती है तो कोई एक अकेलेपन की और धकेलने का प्रयास करती है । इस किताब की अधिकतर कवितायेँ ग़ज़ल की शैली में लिखीं गयी हैं जो पाठक को खुल कर पढ़ने की आजादी देती हैं ।

Produktbeschreibung
""अदृश्य मैं"" २१ कविताओं का संग्रह है जिन्हे पढ़ कर आप इस रोमांचित सफर का हिस्सा बनने से रोक नहीं पाते हैं क्योंकि ये कवितायेँ जिंदगी के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालती हैं । कोई कविता बचपन की सैर कराती है तो कोई एक अकेलेपन की और धकेलने का प्रयास करती है । इस किताब की अधिकतर कवितायेँ ग़ज़ल की शैली में लिखीं गयी हैं जो पाठक को खुल कर पढ़ने की आजादी देती हैं ।
Autorenporträt
अभिषेक चौहान एक इंजीनियरिंग ग्रेजुएट है और एक मल्टीनेशनल कंपनी में कार्यरत हैं। पढ़ने का शौक बचपन से था, कॉलेज के बाद लिखना शुरू किया। ये अपनी कलम से पाठकों के दिल पर एक गहरी छाप छोड़ना चाहते हैं जिससे समाज में बदलाव हो सके। ग़ज़ल सुनना और गाना इनके मुख्य शौक हैं।अपनी कवितायेँ और शायरी Instagram/Facebook पर @nayab_abhi के नाम के पेज पर शेयर करते रहते हैं।