9,49 €
inkl. MwSt.
Versandkostenfrei*
Versandfertig in über 4 Wochen
payback
5 °P sammeln
  • Broschiertes Buch

कलम के कदम - सोच से स्याही तक का सफ़र एक आत्मीय कवितासंग्रह है, जिसमें लेखिका ने जीवन के अनुभवों, भावनाओं और समय की छाया को सहेजा है। ये कविताएँ कभी मन की हलचल हैं, कभी जीवन के दर्पण की परछाइयाँ। हर पंक्ति में संवेदना है, और हर कविता में आत्ममंथन का रंग। यह पुस्तक उन सभी पाठकों के लिए है जो शब्दों में जीवन की सच्चाई तलाशते हैं।

Produktbeschreibung
कलम के कदम - सोच से स्याही तक का सफ़र एक आत्मीय कवितासंग्रह है, जिसमें लेखिका ने जीवन के अनुभवों, भावनाओं और समय की छाया को सहेजा है। ये कविताएँ कभी मन की हलचल हैं, कभी जीवन के दर्पण की परछाइयाँ। हर पंक्ति में संवेदना है, और हर कविता में आत्ममंथन का रंग। यह पुस्तक उन सभी पाठकों के लिए है जो शब्दों में जीवन की सच्चाई तलाशते हैं।
Autorenporträt
राज बाला जीवन के भावनात्मक रंगों की संवेदनशील लेखिका हैं। उनकी कविताएँ मन के गहरे कोनों से निकलकर पाठकों के हृदय तक पहुँचती हैं। कभी बालपन की मासूमियत, कभी जीवन की सच्चाइयाँ-राज बाला ने हर एहसास को अपनी कलम से जीवंत किया है। उनके लिए लेखन केवल अभिव्यक्ति नहीं, आत्मा की पुकार है। यह संग्रह उनके उस सफ़र की झलक है, जहाँ हर भावना ने शब्दों का रूप लिया।