कोह-ए-ग़म, जिसका अर्थ है "दुख का पहाड़," शायरी और साहित्य में गहरे दुःख, संघर्ष और पीड़ा के प्रतीक के रूप में प्रयुक्त होता है। यह शब्द उन भावनाओं को व्यक्त करता है, जब जीवन कठिनाइयों से घिरा होता है और इंसान खुद को अकेला और असहाय महसूस करता है। उर्दू ग़ज़लों और कविताओं में कोह-ए-ग़म को आशिक़ की जुदाई, समाज की बेरुख़ी और समय के सितम के संदर्भ में देखा जाता है। यह सिर्फ़ दर्द का बयान नहीं, बल्कि सहनशीलता और आत्मचिंतन का प्रतीक भी है, जो इंसान को मज़बूत बनने की प्रेरणा देता है।
Bitte wählen Sie Ihr Anliegen aus.
Rechnungen
Retourenschein anfordern
Bestellstatus
Storno







