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गूंज केवल कविताओं का संग्रह नहीं, बल्कि भावनाओं, अनुभवों और आत्मसंवाद की यात्रा है। इस पुस्तक में जीवन के वे सभी पहलू गूँजते हैं जिन्हें हम अक्सर महसूस तो करते हैं, पर शब्दों में ढाल नहीं पाते। हर कविता पाठक को भीतर झाँकने और जीवन को नए दृष्टिकोण से देखने का अवसर देती है। यह संग्रह मौन और शब्दों, छाया और प्रकाश, जुदाई और मिलन, संघर्ष और आशा-सबके बीच की उस नाजुक कड़ी को पकड़ता है जहाँ हर पाठक अपनी कहानी देख सकता है। यह पुस्तक उन सभी के लिए है जो जीवन को गहराई से महसूस करना चाहते हैं और शब्दों में छुपे भावों को अपने हृदय की गूँज बनाना चाहते हैं।

Produktbeschreibung
गूंज केवल कविताओं का संग्रह नहीं, बल्कि भावनाओं, अनुभवों और आत्मसंवाद की यात्रा है। इस पुस्तक में जीवन के वे सभी पहलू गूँजते हैं जिन्हें हम अक्सर महसूस तो करते हैं, पर शब्दों में ढाल नहीं पाते। हर कविता पाठक को भीतर झाँकने और जीवन को नए दृष्टिकोण से देखने का अवसर देती है। यह संग्रह मौन और शब्दों, छाया और प्रकाश, जुदाई और मिलन, संघर्ष और आशा-सबके बीच की उस नाजुक कड़ी को पकड़ता है जहाँ हर पाठक अपनी कहानी देख सकता है। यह पुस्तक उन सभी के लिए है जो जीवन को गहराई से महसूस करना चाहते हैं और शब्दों में छुपे भावों को अपने हृदय की गूँज बनाना चाहते हैं।
Autorenporträt
लेखक परिचय सौम्या सिंह नाम सौम्या सिंह शिक्षा बीबीए स्नातक - एमिटी विश्वविद्यालय, नोएडा वर्तमान स्थिति एमबीए की शैक्षणिक यात्रा आरंभ सौम्या सिंह एक संवेदनशील, विचारशील और गहन अनुभूति से भरपूर कवयित्री हैं, जिनके शब्दों में आत्मा की प्रतिध्वनि सुनाई देती है। बचपन से ही साहित्य और विचारशील लेखन में रुचि रखने वाली सौम्या ने न केवल अपने भावों को शब्दों में पिरोया, बल्कि उन्हें आत्मा की गहराइयों से जोड़कर पाठकों तक पहुँचाया। उनका प्रथम प्रकाशित काव्य-संग्रह मनमंथन - एक आत्मसंवाद की काव्यात्मक यात्रा कोई साधारण रचना नहीं, अपितु एक भावनात्मक यात्रा है। यह संग्रह आत्मा की बातों को व्यक्त करता है - विचारों की लहरें, अनुभवों की गहराइयाँ और मौन आत्म-संवाद है