जीवन के पंच रस, भावनाओं की नाव,एक आत्मिक समर्पण यह रचनात्मक यात्रा मेरे जीवन की उस धारा का रूप है, जिसमें पंच रसों की तरंगें बहती हैं - श्रृंगार का सौंदर्य और प्रेम, वीर रस की प्रेरणा और आस्था, करुण रस की संवेदना और मानवता, हास्य का प्रकाश और सरलता और अद्भुत का विस्मय, जो जीवन की हर सांस को चमत्कार बना देता है। यह कोई पुस्तक नहीं, कोई कविताओं का संकलन नहीं- यह मेरे हृदय की नदी है जिसकी हर एक बूँद अपने पाठकों तक प्रेम, अनुभव और आत्म-चिंतन बनकर पहुँचे,यही मेरी भावना है। भावनाओं की इस नाव में आप सहयात्री बनें, यही मेरी हार्दिक प्रार्थना है।
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