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दिल की क़लम एक भावनात्मक यात्रा है, जहाँ हर कविता दिल से निकले उन लम्हों को समेटती है जिन्हें अक्सर हम महसूस तो करते हैं, मगर कह नहीं पाते। यह किताब रिश्तों, अधूरी बातों, खोए पलों, और अंदरूनी जज़्बातों की सच्ची दास्तान है। दिव्या अरोड़ा की पहली पुस्तक होने के बावजूद, हर पंक्ति एक गहराई और सच्चाई से भरी है, जो सीधे पाठकों के दिल तक पहुँचती है। यह किताब उन लोगों के लिए है जो लफ़्ज़ों में अपनी सच्ची भावनाएँ ढूँढते हैं।

Produktbeschreibung
दिल की क़लम एक भावनात्मक यात्रा है, जहाँ हर कविता दिल से निकले उन लम्हों को समेटती है जिन्हें अक्सर हम महसूस तो करते हैं, मगर कह नहीं पाते। यह किताब रिश्तों, अधूरी बातों, खोए पलों, और अंदरूनी जज़्बातों की सच्ची दास्तान है। दिव्या अरोड़ा की पहली पुस्तक होने के बावजूद, हर पंक्ति एक गहराई और सच्चाई से भरी है, जो सीधे पाठकों के दिल तक पहुँचती है। यह किताब उन लोगों के लिए है जो लफ़्ज़ों में अपनी सच्ची भावनाएँ ढूँढते हैं।
Autorenporträt
दिव्या अरोड़ा की यह पहली पुस्तक है, लेकिन भावनाओं को शब्दों में ढालने का सफ़र उन्होंने बहुत पहले शुरू कर दिया था। "दिल की क़लम" उनके दिल से निकली वो आवाज़ है, जो बरसों से भीतर सजीव थी। इस किताब के माध्यम से दिव्या ने अपने जज़्बात, अधूरी ख्वाहिशें और चुप्पियाँ काग़ज़ पर उतारी हैं। वो चाहती हैं कि उनके शब्द उन सभी दिलों तक पहुँचें, जो कभी कुछ महसूस करके भी कह नहीं पाए।