"" इस कविता संग्रह प्रकाशित करने का मकसद है प्यार मैं खुद को खोकर, खुद को पाना । ये मेरा जीवन का सफर है जिसमे हम प्यार को पाने मे खुद को पूराखो देते है,फिर होता है कुछ ऐसा कि हम उस प्यार को भी खो देते है। ये एहसास बहुत अलग होता है। हमें उस प्यार मे खुदा मिल जाता है । हम उसकी ईबादत करने लगते है फिर वो खुदा असलियत से वाकिफ करा देता है। फिर होता है ऐ कि हम खुद को भी नहीं मिल पाते है और खुद से मिलने के लिए हमको खुद को खुदा करना पडता है।फिर हम खुद को मिल जाते है। बस यही है सफर प्यार का । मनप्रीत कौर""
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