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पुस्तक का प्रयोजन पाठकों को प्रकृति के अभिन्न अंग जैसे रवि, चंद्र, वनस्पति, समय आदि के गुणों और आपस में सामंजस्य को काव्य पन्क्तिओ के रूप में व्यक्त करती है। प्रकृति प्रेम केवल सौंदर्य की सराहना तक सीमित नहीं है, किन्तु यह एक गहरी संवेदनशीलता और जिम्मेदारी का भाव भी है। प्रकृति के शाश्वत आविर्भाव का प्राण चित्त विवरण पन्क्तिओ के माध्यम से विवारित किया गया है।

Produktbeschreibung
पुस्तक का प्रयोजन पाठकों को प्रकृति के अभिन्न अंग जैसे रवि, चंद्र, वनस्पति, समय आदि के गुणों और आपस में सामंजस्य को काव्य पन्क्तिओ के रूप में व्यक्त करती है। प्रकृति प्रेम केवल सौंदर्य की सराहना तक सीमित नहीं है, किन्तु यह एक गहरी संवेदनशीलता और जिम्मेदारी का भाव भी है। प्रकृति के शाश्वत आविर्भाव का प्राण चित्त विवरण पन्क्तिओ के माध्यम से विवारित किया गया है।
Autorenporträt
अहमदाबाद स्थित लेखिका पूजा महेता मूल गुजरात के हलवद तालुके से है। वह लंडन के प्रसिद्ध विश्वविद्यालय से डाटा इंजीनियरिंग में अनुस्नातक है। बचपन से ही उनको वांचन लेखन में अधिक रूचि है, जिसके फल स्वरूप साहित्य, लेख, उपन्यास, कहानियाँ, निबंध, कविता आदि के माध्यम से अपने विचारों, भावनाओं और अनुभवों को व्यक्त करती है। उनका ध्येय समाज की विभिन्न भावनाओं, समस्याओं, संघर्षों और सांस्कृतिक पहलुओं को अपनी रचनाओं में उजागर कर साहित्य जगत को अपना योगदान देना है। वह अपनी मातृभाषा गुजराती, हिंदी एवं अंग्रेज़ी में अपनी कृति प्रकाशित करती है।