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'मधुमालती' - काव्य-संग्रह 'मधुमालती' डॉ. रमेश चंद्र 'विनोदी' का छंदबद्ध व छंदमुक्त रचनाओं का संग्रह है, जो प्रेम, विरह और जीवन की विविध भाव-छवियों को समेटे हुए है। जैसे मधुमालती की बेल सहारा पाकर ऊर्ध्वगामी होती है, वैसे ही इस कृति में प्रेम आत्मा के सहारे ऊपर उठता है। इसकी कविताएँ कभी शृंगार से सिक्त हैं, कभी करुण से, तो कहीं शांति और विस्मय का समन्वय लिए हुए। यह काव्य-संग्रह प्रेम की शाश्वतता, विरह की साधना और मानव भावनाओं की गहराई को छूने का एक सच्चा प्रयास है।

Produktbeschreibung
'मधुमालती' - काव्य-संग्रह 'मधुमालती' डॉ. रमेश चंद्र 'विनोदी' का छंदबद्ध व छंदमुक्त रचनाओं का संग्रह है, जो प्रेम, विरह और जीवन की विविध भाव-छवियों को समेटे हुए है। जैसे मधुमालती की बेल सहारा पाकर ऊर्ध्वगामी होती है, वैसे ही इस कृति में प्रेम आत्मा के सहारे ऊपर उठता है। इसकी कविताएँ कभी शृंगार से सिक्त हैं, कभी करुण से, तो कहीं शांति और विस्मय का समन्वय लिए हुए। यह काव्य-संग्रह प्रेम की शाश्वतता, विरह की साधना और मानव भावनाओं की गहराई को छूने का एक सच्चा प्रयास है।
Autorenporträt
'काव्य रत्न' से सम्मानित डॉ. रमेश चंद्र 'विनोदी' बहुमुखी प्रतिभा के धनी साहित्यकार हैं। आपका जन्म 1 अगस्त 1970 को हुआ। आप औद्योगिक प्रशिक्षण (आईटीआई) शिक्षित हैं तथा रेल कोच फैक्ट्री, कपूरथला (पंजाब) में कार्यरत हैं। आप मॉडर्न थिएटर ग्रुप के निर्देशक हैं और लेखन, चित्रकला, संगीत, जादू व रंगमंच आपकी रुचियाँ हैं। आपकी काव्य कृतियाँ प्रेम अवतरण और शेफाली प्रकाशित हो चुकी हैं। काव्याञ्चल एवं मेघदूत साहित्यिक संस्थाओं के संस्थापक के रूप में आपने अनेक राष्ट्रीय साहित्यिक आयोजनों का सफल संचालन किया है। 'शेफाली' कृति हेतु आपको मैथिलीशरण गुप्त सम्मान (2021) प्राप्त हुआ।