'मधुमालती' - काव्य-संग्रह 'मधुमालती' डॉ. रमेश चंद्र 'विनोदी' का छंदबद्ध व छंदमुक्त रचनाओं का संग्रह है, जो प्रेम, विरह और जीवन की विविध भाव-छवियों को समेटे हुए है। जैसे मधुमालती की बेल सहारा पाकर ऊर्ध्वगामी होती है, वैसे ही इस कृति में प्रेम आत्मा के सहारे ऊपर उठता है। इसकी कविताएँ कभी शृंगार से सिक्त हैं, कभी करुण से, तो कहीं शांति और विस्मय का समन्वय लिए हुए। यह काव्य-संग्रह प्रेम की शाश्वतता, विरह की साधना और मानव भावनाओं की गहराई को छूने का एक सच्चा प्रयास है।
Bitte wählen Sie Ihr Anliegen aus.
Rechnungen
Retourenschein anfordern
Bestellstatus
Storno







