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उल्लिखित पुस्तक मन के लफ्ज समाज के दैनिक जीवन को प्रभावित करने वाले मानवीय व्यवहारों से संबंधित कविताओं का संग्रह है।

Produktbeschreibung
उल्लिखित पुस्तक मन के लफ्ज समाज के दैनिक जीवन को प्रभावित करने वाले मानवीय व्यवहारों से संबंधित कविताओं का संग्रह है।
Autorenporträt
रामप्रकाश मिश्र, उम्र 63, लखनऊ (उत्तर प्रदेश-भारत) में रहते हैं। उन्हें रचनात्मक अभिव्यक्ति का गहरा शौक है, चाहे वह कविता लेखन के माध्यम से हो या कला के माध्यम से। उनकी प्रेरणा मानवीय व्यवहार और प्राकृतिक दुनिया की क्षणभंगुरता से आती है, चाहे वह अपनी सुंदरता और जीवन के उत्कर्ष के साथ कितनी भी क्षणभंगुर क्यों न हो। वे जीवन के चिंतन, गहन संघर्ष के विशिष्ट क्षणों के बारे में लिखते हैं, और प्रकृति के साथ जुड़ाव की सुंदरता के साथ उसके विपरीत चित्रण करने का प्रयास करते हैं। रामप्रकाश मिश्र अपना खाली समय ज्ञानवर्धक लेख पढ़ने, चित्रकारी करने और सुगम संगीत सुनने में बिताते हैं।