इन छोटी छोटी रचनाओं में कहीं होली के उत्सव की तो कहीं श्रीकृष्ण के परम पावन नामों का गायन किया है। वैसे ये अंतरंग ह्दयोल्लास का विवरण हैं जो बृज के गोपी ग्वाल प्रभू श्रीकृष्ण के साथ हर दिन मनाते थे । श्री महाप्रभुजी ने जो सेवा रीति प्रकटायी है वो ही हमारे भावों को घडती है । भाषा सरल हिंदी एवं बृजभाषा है।
Bitte wählen Sie Ihr Anliegen aus.
Rechnungen
Retourenschein anfordern
Bestellstatus
Storno







