10,99 €
inkl. MwSt.
Versandkostenfrei*
Versandfertig in über 4 Wochen
payback
5 °P sammeln
  • Broschiertes Buch

ये कवितायेँ पिछले 7-8 वर्षों में लिखी गयीं हैं। कविता लिखने की विधा शायद है नहीं मुझमें, बस लिखने के बाद महसूस होने वाले सुकून के लिए लिखता हूँ। इस संकलन की पहली 18 कवितायेँ तो वैयक्तिक भावनाओं की मेरी अभिव्यक्ति हैं लेकिन बाद की 7 कविताओं में मैंने सामाजिक मुद्दों पर लिखने का प्रयास किया है। मेरे लिए मेरी कवितायेँ मुझे उन पलों को याद कराने के छायाचित्रों की तरह है, जिन पलों में मैंने ये लिखे।

Produktbeschreibung
ये कवितायेँ पिछले 7-8 वर्षों में लिखी गयीं हैं। कविता लिखने की विधा शायद है नहीं मुझमें, बस लिखने के बाद महसूस होने वाले सुकून के लिए लिखता हूँ। इस संकलन की पहली 18 कवितायेँ तो वैयक्तिक भावनाओं की मेरी अभिव्यक्ति हैं लेकिन बाद की 7 कविताओं में मैंने सामाजिक मुद्दों पर लिखने का प्रयास किया है। मेरे लिए मेरी कवितायेँ मुझे उन पलों को याद कराने के छायाचित्रों की तरह है, जिन पलों में मैंने ये लिखे।
Autorenporträt
राकेश कुमार पाण्डेय दिल्ली विश्वविद्यालय के किरोड़ीमल महाविद्यालय में भौतिक विभाग में पिछले 34 वर्षों से अध्यापन का कार्य कर रहे हैं। आपके लेख समाचार पत्र पत्रिकाओं में नियमित रूप से प्रकाशित होती रहती हैं। आप फेसबुक पर अपने विचार निरंतर साँझा करते रहते हैं। फेसबुक पर आपसे इस लिंक https: //www.facebook.com/rakesh.pandey.712161/ - पर संपर्क किया जा सकता है और आपके लेख https: //rakesh-thoughts.blogspot.com पर पढ़े जा सकते हैं। आपकी एक पुस्तक Virgin Ideas on Education, Corruption and Reservation - Amazon पर उपलब्ध है।