"रूह के रंग" सिर्फ़ कविताओं का संग्रह नहीं, बल्कि दिल और रूह के बीच का एक ऐसा पुल है जो मोहब्बत, जुदाई, तन्हाई और उम्मीद के हर पहलू को जोड़ता है। श्यामंकर सिंघरी की यह काव्य-यात्रा आपको उन पलों में ले जाएगी जहाँ शब्द धड़कनों की तरह महसूस होते हैं और खामोशियाँ भी बोल उठती हैं। हर कविता में कहीं मोहब्बत की नमी है, कहीं बिछड़ने का दर्द, कहीं तन्हाई की सर्दी, और कहीं उम्मीद की हल्की सी रोशनी। यह किताब उन दिलों के लिए है जिन्होंने कभी किसी को चाहा, खोया या खुद से ही मिलने का हौसला किया। "रूह के रंग" आपके दिल को छुएगी, आपकी रूह को सुकून देगी, और शायद आपको खुद से भी मिला दे।
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