यदि आप चिंता से दूर रहना चाहते हैं तो वही कीजिये जो सर विलियम ऑसलर ने किया था अर्थात् आज की परिधि में रहिये। भविष्य की चिंता मत कीजिये। रोज नई जिंदगी की शुरुआत करें। यदि चिंता आपको लाचार करे तो विलियम एच कैरियर के सूत्र का प्रयोग कीजिए- (क) मन-ही-मन प्रश्न कीजिये कि समस्या का समाधान न मिलने से क्या अनिष्ट हो सकता है । (ख) यदि आवश्यक हो तो मन में अनिष्ट को स्वीकार कर लीजिये । (ग) शांत चित्त से मन-ही-मन स्वीकृत उस अनिष्ट को सुधारने का प्रयास कीजिये। डेल कारनेगी की यह किताब आधुनिक मनुष्य के जीवन में आने वाली समस्याओं से निपटने के लिये अत्यंत सहायक सिद्ध होगी। इसका कारण यह है कि इस पुस्तक में कारनेगी ने मनुष्य के जीवन में आने वाली तमाम तरह की समस्याओं के केंद्र में चिंता को रखकर उससे निजात दिलाने वाले तरीकों की बड़े ही विस्तृत ढंग से चर्चा की है। - प्रकाशक की ओर से।
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