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जन्नः 11 अक्टूबर, 1938, बुलंदशहर (उत्तर प्रदेश)। शिक्षा एम.ए. (हिन्दी) प्रथम श्रेणी, पी-एच.डी., डी. लिट्। विशेषज्ञता क्षेत्रः प्रख्यात साहित्यकार प्रेमचंव के विशेषज्ञ के रूप में राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित। प्रेमचंद साहित्य पर प्रकाशित ग्रंथः कथा सम्राट प्रेमचंव के जीवन, विचार और साहित्य पर विगत 46 वर्षों से अनवरत संलग्न। प्रेमचंव के संदर्भ में परम्परागत मान्यताओं को धवस्त कर अकाट्य तर्कों के आधार पर मौलिक शोध और अध्ययन की दिशाओं का संधान। प्रेमचंद साहित्य पर 38 से अधिक पुस्तकें प्रकाशित। इनमें 'प्रेमचंद के उपन्यासों का शिल्प विधान', 'प्रेमचंद अध्ययन की नयी दिशाएँ', 'प्रेमचंद…mehr

Produktbeschreibung
जन्नः 11 अक्टूबर, 1938, बुलंदशहर (उत्तर प्रदेश)। शिक्षा एम.ए. (हिन्दी) प्रथम श्रेणी, पी-एच.डी., डी. लिट्। विशेषज्ञता क्षेत्रः प्रख्यात साहित्यकार प्रेमचंव के विशेषज्ञ के रूप में राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित। प्रेमचंद साहित्य पर प्रकाशित ग्रंथः कथा सम्राट प्रेमचंव के जीवन, विचार और साहित्य पर विगत 46 वर्षों से अनवरत संलग्न। प्रेमचंव के संदर्भ में परम्परागत मान्यताओं को धवस्त कर अकाट्य तर्कों के आधार पर मौलिक शोध और अध्ययन की दिशाओं का संधान। प्रेमचंद साहित्य पर 38 से अधिक पुस्तकें प्रकाशित। इनमें 'प्रेमचंद के उपन्यासों का शिल्प विधान', 'प्रेमचंद अध्ययन की नयी दिशाएँ', 'प्रेमचंद विश्वकोश' (2 खंडों में), 'प्रेमचंद का अप्राप्य साहित्य', 'प्रेमचंद का कहानी दर्शन', 'प्रेमचंदः नयी दृष्टि नये निष्कर्ष', 'प्रेमचंद साहित्यः भारतीय भूमिका', 'प्रेमचंद वाद-प्रतिवाद और संवाद', 'प्रेमचंदः कहानी रचनावली' (6 खण्डों में), 'नया मानसरोवर' (8 खण्डों में), 'प्रेमचंद की कहानी यात्रा और भारतीयता' जैसे अविस्मरणीय ग्रंथ उल्लेखनीय हैं।