मस्तिष्क से मस्तिष्क का संवाद विचारों एवं शब्दों द्वारा होता है जबकि हृदय से हृदय को संवाद भावनाओं द्वारा। सदियों से मनुष्य का अनुभव है कि भावनाओं को व्यक्त करना सम्भव नहीं। यदि हम शब्दों द्वारा भावनाओं को व्यक्त करने लगें तो हम बड़ा सामान्य जीवन व्यतीत करेंगे। जीवन समृद्ध है क्योंकि हम भावनाओं को शब्दों में व्यक्त नहीं कर पाते। अतः हम इन्हें व्यक्त करने के लिए बहुत सी मूक मुद्राओं का प्रयोग करते हैं, जैसे आलिंगन, जिससे हम अपने हृदयों को करीब ला सकें। हम फूल भेंट करते हैं ताकि हम अपनी भावनाओं को व्यक्त कर सकें।
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