प्रस्तुत पुस्तक में उत्तराखण्ड के कुमाऊं क्षेत्र में प्रचलित पहेलियों का बालमनोविज्ञान की दृष्टि से अध्ययन करने का प्रयास किया गया है। कुमाऊँनी पहेलियों का हिन्दी अनुवाद करके उनका उत्तर भी बतलाया गया है। इस कार्य का उद्देश्य कुमाऊँनीपहेलियों को आम जन जीवन तक पहुंचाना, उनका संरक्षण करना एवं साहित्य व मनोविज्ञान में उनकी उपयोगिता बतलाना है।
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